उज्जैन के ज्योतिषी ने निकाला था आजादी का मुहूर्त, 15 अगस्त को चुनने की ये कहानी जानते हैं?

15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता पाई, लेकिन इस तारीख का चयन सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि ज्योतिषीय गणना पर भी आधारित था। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित सूर्यनारायण व्यास ने भारत की आजादी के लिए 15 अगस्त का शुभ मुहूर्त निकाला था। जानिए कैसे ज्योतिष और खगोल शास्त्र ने स्वतंत्रता दिवस की तारीख तय करने में अहम भूमिका निभाई।

हिंदी: Aug 15, 2025 - 02:19
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उज्जैन के ज्योतिषी ने निकाला था आजादी का मुहूर्त, 15 अगस्त को चुनने की ये कहानी जानते हैं?

15 अगस्त 1947… वो ऐतिहासिक दिन जब भारत ने ब्रिटिश शासन की बेड़ियों को तोड़कर आजादी की सांस ली। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन को चुनने के पीछे न केवल राजनीतिक फैसले थे, बल्कि ज्योतिषीय गणना का भी गहरा योगदान था? प्राचीन काल से ज्योतिष और खगोल शास्त्र का केंद्र रहा मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर ने भारत की आजादी के लिए शुभ मुहूर्त निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उज्जैन के मशहूर ज्योतिषी पंडित सूर्यनारायण व्यास ने आजादी की तारीख का मुहूर्त निकाला था।

आजादी की तारीख का सवाल
1946 के अंत में यह साफ हो चुका था कि अंग्रेज भारत छोड़ने वाले हैं। जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बनने वाले थे और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति। लेकिन आजादी की तारीख तय करने में सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समीकरण ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय गणना भी शामिल हुई। अंग्रेजों ने आजादी के लिए दो विकल्प दिए- 14 अगस्त या 15 अगस्त। यहां से शुरू होती है वो दिलचस्प दास्तान, जहां डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ज्योतिष की सलाह ली, क्योंकि वे गहरे धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति थे।

उज्जैन से बुलाए गए ज्योतिष
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपने विश्वसनीय गोस्वामी गणेश दत्त महाराज के जरिए उज्जैन के पद्मभूषण पंडित सूर्यनारायण व्यास को दिल्ली बुलाया। व्यास क्रांतिकारी, लेखक और ज्योतिष के प्रकांड विद्वान थे। राष्ट्रपति ने उनसे पूछा – इन दो तारीखों में से कौन सी भारत की आजादी के लिए शुभ होगी? व्यास जी ने पंचांग खोला, ग्रह-नक्षत्रों की गणना की और फैसला सुनाया।

क्यों चुना गया 15 अगस्त?
व्यास ने बताया कि 14 अगस्त की कुंडली में लग्न अस्थिर है, जो देश के भविष्य के लिए ठीक नहीं। वहीं 15 अगस्त की आधी रात (14 और 15 की मध्यरात्रि) का मुहूर्त स्थिर लग्न वाला है, जो लोकतंत्र को मजबूती देगा। इस सलाह पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने मुहर लगाई और ठीक रात 12 बजे संसद को शुद्ध करके आजादी की घोषणा हुई। दिलचस्प बात ये कि कुछ ज्योतिषियों ने 15 अगस्त को अशुभ बताया था, लेकिन व्यास जी की गणना ने इतिहास बदल दिया। वहीं पाकिस्तान ने अपनी आजादी 14 अगस्त को शिफ्ट कर ली, लेकिन भारत की तारीख व्यास जी के मुहूर्त पर टिकी रही।

आज भी जीवंत है वो परंपरा
यह कहानी सिर्फ इतिहास की किताबों में नहीं, बल्कि उज्जैन में आज भी जिंदा है। वहां बड़ा गणेश मंदिर में स्वतंत्रता दिवस तिथि के अनुसार मनाया जाता है – जैसे 1947 में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी थी, वैसे ही हर साल ये उत्सव मनाया जाता है।

कौन थे पंडित सूर्यनारायण व्यास
पंडित सूर्यनारायण व्यास उज्जैन के प्रख्यात ज्योतिषी थे। वे स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय हिस्सा ले चुके थे। वे दोनों हाथों से एक साथ लिखने की अपनी अनोखी कला और सटीक भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध थे। 1930 में उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि भारत 1947 में आजाद होगा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बनेंगे, जो बाद में सच साबित हुई। उनकी ज्योतिषीय गणनाओं पर देश के बड़े नेता भरोसा करते थे।

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