अनूपपुर के मिट्ठू महुआ गांव आज भी विकास से दूर , महुआ के लोगों के लिए सड़क, पानी और बिजली की जंग
अनूपपुर जिले की ग्राम पंचायत मिट्ठू महुआ में बैगा जाति के लोग आज भी सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और प्रशासनिक लापरवाही के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। गांव के लोग बरसात में चार महीने तक गांव में ही बंद रहते हैं, जिससे उनका बाहर निकलना तक मुश्किल हो जाता है।

CURATED BY – SUSHL SONI | CITYCHIEFNEWS
अनूपपुर, अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत मिट्ठू महुआ एक ऐसी यहां पर बैगा जाति ज्यादा निवास करती है जो की एक संरक्षित जाती है जिसके लिए शासन ने कई योजनाएं बनाई हैं लेकिन उसे योजनाओं को तो छोड़ो वर्तमान में जो मूलभूत योजनाएं हैं उनका भी लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है ग्राम पंचायत है जहां आजादी के बाद आज भी रोड पानी एवं बिजली की समस्या से आदिवासी बहुल क्षेत्र में लोग जीवन यापन करने में मजबूर हैं यहां पर स्थिति यह है कि लोग 4 माह बरसात में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते हुए नजर आते हैं 700 के लगभग की आबादी होते हुए यह लोग बीमार होने पर अपने परिवार के मरीज को चारपाई में लेकर 5 किलोमीटर दूर जाने पर साधन उपलब्ध होता है जनसुनवाई में आने पर अनूपपुर कलेक्ट्रेट में उन्होंने बताया कि हम लोग कई बार सांसद जी के पास गए सरपंच सचिव से भी बात की आवेदन दिए लेकिन हम आज भी 4 माह घर से ना बाजार जा सकते हैं क्योंकि 5 से 7 किलोमीटर तक कोई भी साधन जा ही नहीं सकता है चाहे फोर व्हीलर हो या टू व्हीलर बच्चों को स्कूल जाने में रोड में चलना मुश्किल है इसलिए बच्चे स्कूल ही नहीं जा पाते हैं जिससे उनकी शिक्षा एवं उनके विकास के लिए कोई योजना नहीं है सचिन से बात करने पर उनका कहना है कि जब बजट आएगा तो करेंगे गांव वालों का कहना है कि बजट तो हर बार आता है लेकिन हमारे गांव में सरपंच और सचिव का विकास होता है गांव का नहीं गांव वालों की अपेक्षा की यथाशीघ्र रोड एवं साफ पीने का पानी बिजली जो की मूलभूत सुविधाएं हैं उनको उपलब्ध कराने का कष्ट किया जाए जिस गांव में महिलाएं यदि गर्भवती है तो उनको एंबुलेंस बुलाने में आई तो है लेकिन 5 किलोमीटर दूर हमको खटिया में चार-पांच लोगों के साथ जाना पड़ता है दूरी 5 किलोमीटर होने के कारण पांच की जगह 10 12 लोग जाते हैं जब उनको छोड़कर एंबुलेंस तक आते हैं देश को आजाद हुए इतने साल हो गए हैं लेकिन हम आज भी 4 मैं अपने गांव में बंद हो जाते हैं इस गांव के लोग स्वच्छ भारत के निर्माण कैसे करेंगे जो गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं सरपंच सचिव का कहना है कि आपको जहां शिकायत करना हो करें हमको जब काम करना हो करेंगे हम किसी से नहीं डरते राशन कार्ड मजदूरी का पैसा जितना मिलना चाहिए उतना नहीं दिया जाता है राशन आई कार्ड सचिव नहीं बना कर दे रहा है जिससे बच्चों को एडमिशन आवाज छात्रवृत्ति जान प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र आदि में भी समस्याएं हो रहे हैं कोई भी समस्या लेकर जहां हम गांव वाले लोग जाते हैं वहां घर पर नहीं मिलते क्योंकि सहायक सचिव ने शहडोल में अपना घर बना लिया है वह शहडोल में निवास करते हैं नियम के अनुसार सहायक सचिव उसी ग्राम पंचायत में उपस्थित रहना चाहिए।
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