नेपाल में जारी हिंसा पर भारत की पैनी नजर, भारतीयों के लिए जारी किया अलर्ट, कहा-सावधान रहें

नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ छात्र-युवा प्रदर्शनों में हिंसा भड़कने से कई लोगों की मौत हुई। भारत ने संवेदना जताई, दूतावास ने आपातकालीन नंबर जारी किए और भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। यूएन ने भी हिंसा पर चिंता जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।

हिंदी: Sep 9, 2025 - 18:19
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नेपाल में जारी हिंसा पर भारत की पैनी नजर, भारतीयों के लिए जारी किया अलर्ट, कहा-सावधान रहें
रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कल से नेपाल में हो रहे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कई युवाओं की जान जाने से बेहद दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना करते हैं। एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी होने के नाते, हम आशा करते हैं कि सभी संबंधित पक्ष संयम बरतेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे का समाधान करेंगे। हमने यह भी संज्ञान लिया है कि अधिकारियों ने काठमांडू और नेपाल के कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है। नेपाल में भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कदमों और दिशानिर्देशों का पालन करें। 

दूतावास ने नंबर किए जारी

इस बीच, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने नेपाल में सभी भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन नंबर जारी किए हैं। दूतावास ने कहा कि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने या सहायता की आवश्यकता होने पर : +977- 980 860 2881, +977- 981 032 6134 पर संपर्क कर सकते हैं। 

प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र-छात्राएं 

सरकार विरोधी प्रदर्शन में ज्यादातर स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं, जो यूनिफॉर्म में थे। उनके हाथों में राष्ट्रीय ध्वज के साथ नारे लिखे बैनर-पोस्टर थे। उन पर लिखा था, भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटाओ और युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ। 

भारत ने बंगाल और सिक्किम सीमा पर सुरक्षा कड़ी की

पड़ोसी देश नेपाल में जारी छात्र-युवा आंदोलनों से मचे बवाल का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी दिखने लगा है। नेपाल में जारी उग्र विरोध-प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए भारत ने पश्चिम बंगाल के साथ लगते अधिकांश सीमा चौकसी बढ़ा दी है। केंद्र और राज्यों ने सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है।

जानकारी के मुताबिक भारत-नेपाल की लगभग 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पांच राज्यों- उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल से जुड़ी है। इसमें पश्चिम बंगाल की करीब 100 किलोमीटर और सिक्किम की करीब 90 किलोमीटर की सीमा लगती है। मौजूदा हालात को देखते हुए इन राज्यों की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।

दार्जिलिंग के पुलिस एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा पर सघन तलाशी अभियान चल रहा है। सतर्कता बढ़ा दी गई है। नेपाल पुलिस से लगातार संपर्क में हैं। अभी भारतीय सीमा पर स्थिति शांत है, लेकिन हम पूरी तरह सतर्क हैं। वहीं एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सीमावर्ती इलाकों में किसी तरह की आशंका नहीं है। हालात पर हमारी नजर बनी हुई है और उम्मीद है कि नेपाल में स्थिति जल्द सामान्य होगी।

क्या है पूरा मामला, कहां से पनपा आक्रोश?

बता दें कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ हजारों युवाओं ने काठमांडू की सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करते भी दिखे। पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए पानी की बौछार, डंडों और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं', 'सोशल मीडिया अनब्लॉक करो' जैसे नारे लिखे पोस्टर भी देखे गए।

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में पीएम ओली की सरकार में शामिल मंत्रियों और अधिकारियों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार की कई खबरें सामने आई हैं।इन खबरों के बाद जनता के बीच आक्रोश पनप रहा है। हिंसा में हुई मौतों और घायल प्रदर्शनकारियों की खबरों के बाद देश में संकट गहराता देख संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी चिंता जताई। यूएन ने निष्पक्ष व पारदर्शी जांच की मांग की है।

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