इधर ट्रंप दे रहे धमकी पर धमकी, उधर पुतिन से मिलने पहुंचे अजीत डोभाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ दबाव को नज़रअंदाज़ कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रूस पहुंचे। यात्रा में S-400 मिसाइल प्रणालियों, सुखोई-57 लड़ाकू विमानों और रक्षा सहयोग पर बातचीत संभव। भारत ने रूसी तेल आयात पर अमेरिकी अतिरिक्त शुल्क को अनुचित बताया।

हिंदी: Aug 7, 2025 - 04:44
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इधर ट्रंप दे रहे धमकी पर धमकी, उधर पुतिन से मिलने पहुंचे अजीत डोभाल
अजीत डोभाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रूस पहुंचे हैं. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ़ की धमकियों के बीच डोभाल दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. डोभाल की रूस यात्रा के दौरान अतिरिक्त एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की खरीद और Su-57 लड़ाकू विमानों पर बातचीत भी हो सकती है.

द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और रूस अतिरिक्त एस-400 मिसाइल प्रणालियों की खरीद की संभावना पर चर्चा करेंगे. इस बातचीत में भारत में एस-400 निर्माण सुविधा स्थापित करना भी शामिल हो सकता है. रूसी एस-400 प्रणालियों ने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइलों ने भी पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई थी. अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ महीनों में भारत और रूस के बीच बड़ा रक्षा सौदा हो सकता है जिसमें सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट की खरीद भी शामिल हो सकती है.

बता दें कि ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इसके बाद बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया. इस फैसले के पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखना बताया गया. ट्रंप प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि भारत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस से तेल आयात कर रहा है जिसे अमेरिका अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा मानता है. हालांकि भारत ट्रंप के दबाव में पीछे हटता नहीं दिख रहा है.

अमेरिकी टैरिफ पर भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिकी टैरिफ पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा कि अमेरिका ने हाल के दिनों में रूस से भारत के तेल आयात को निशाना बनाया है. हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारे आयात मार्केट फैक्टर पर आधारित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कार्यों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाने का विकल्प चुना है जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं. हम दोहराते हैं कि ये कार्य अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण हैं. भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.

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