भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने वाले राजनेता बने अमित शाह, गृह मंत्री के तौर पर पूरे किए 2,258 दिन 

अमित शाह 2,258 दिनों के कार्यकाल के साथ भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना चुके हैं, लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ते हुए। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 हटाना, सीएए लागू करना और नक्सलवाद पर कड़ी कार्रवाई जैसे ऐतिहासिक निर्णय शामिल हैं।

हिंदी: Aug 4, 2025 - 22:17
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भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने वाले राजनेता बने अमित शाह, गृह मंत्री के तौर पर पूरे किए 2,258 दिन 
गृह मंत्री "अमित शाह"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री पद पर रहने वाले राजनेता बन गए हैं. उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ते हुए अमित शाह ने यह रिकॉर्ड बनाया है. अमित शाह ने 30 मई 2019 को देश के गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्री बनाए गए थे. 2019 लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया था और वर्तमान में भी वह इस पद पर कार्यरत हैं. 10 जून 2024 को अमित शाह ने दूसरी बार गृह मंत्री पद की शपथ ली थी.

लाल कृष्ण आडवाणी के नाम था रिकॉर्ड
फिलहाल, गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह ने 2,258 दिन (30 मई 2019 से 5 अगस्त 2025 तक) पूरे किए हैं. इससे पहले, सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने का रिकॉर्ड लाल कृष्ण आडवाणी के नाम था. उन्होंने इस पद पर 2,256 दिनों (19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक) तक सेवाएं दीं. तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे.

गृह मंत्री के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल वाले नेता और कौन कौन
गृह मंत्री के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल वाले नेताओं में कांग्रेस नेता गोविंद बल्लभ पंत भी शामिल हैं, जिन्होंने 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक कुल 6 साल 56 दिन इस पद पर सेवाएं दीं. भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1,218 दिनों (15 अगस्त 1947 से 12 दिसंबर 1950) तक गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था.

कार्यकाल अब तक साहसिक और ऐतिहासिक निर्णयों से भरा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यकाल अब तक साहसिक और ऐतिहासिक निर्णयों से भरा रहा है. उनके कार्यकाल में आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए गए. ऐतिहासिक फैसलों में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) देश में लागू करना, नए आपराधिक न्याय कानून के अलावा वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को मिटाने के लिए कई अहम ऑपरेशन शामिल हैं.

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