पंडित चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई, 'आजाद थे, आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे' : रोहित कौशिक
देवबंद के मां बाला सुंदरी मंदिर स्थित हनुमान धाम में अमर शहीद पंडित चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। कार्यक्रम में रोहित कौशिक, शुभम त्यागी सहित अनेक वक्ताओं ने उन्हें युवाओं की प्रेरणा बताया।

CURATED BY – GAURAV SINGHAL | CITYCHIEFNEWS
सहारनपुर | देवबंद, देवबंद के मां बाला सुंदरी मंदिर प्रांगण स्थित हनुमान धाम में अमर वीर, क्रांतिकारी शहीद पंडित चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती हर्षोल्लास मनाई गई। बैठक की अध्यक्षता हनुमान धाम के महंत पंडित संत शर्मा ने की एवं संचालक कार्यक्रम संयोजक युवा ब्राह्मण नेता रोहित कौशिक ने किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि अमर शहीद, क्रांतिकारी पंडित चंद्रशेखर आजाद हमेशा युवाओं की प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। उन्होंने देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया था। आज के युवा पंडित चंद्रशेखर आजाद की प्रेरणा लेकर कार्य करें। समाजसेवी विनय पंडित ने कहा कि पंडित चंद्रशेखर आजाद का 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के भाबरा गाँव में जन्म हुआ था वह एक महान भारतीय क्रांतिकारी थे, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। उनका वास्तविक नाम चंद्रशेखर तिवारी था, लेकिन "आजाद" नाम उन्होंने तब अपनाया जब 15 साल की उम्र में असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार किया था। अंग्रेजों के हाथों कभी पकड़े न जाने की अपनी प्रतिज्ञा को निभाते हुए, उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मारकर अपनी शहादत दी।
कार्यक्रम संयोजक युवा ब्राह्मण नेता रोहित कौशिक ने कहा कि भारत को आजाद कराने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी। उन्हीं महान स्वतंत्रता सेनानियों में एक नाम 'चंद्रशेखर आजाद' का है। हालांकि, इनका असली नाम चंद्रशेखर तिवारी था, लेकिन आजाद इनकी पहचान कैसे बनी इसके पीछे भी एक कहानी है। आजाद कहते थे 'दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, हम आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे। युवा ब्राह्मण नेता शुभम वत्स एवं भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष शुभम त्यागी ने कहा कि पंडित चंद्रशेखर आजाद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भावरा में प्राप्त की और बाद में काशी विद्यापीठ, बनारस में उच्च शिक्षा के लिए गए, छोटी उम्र में ही, वह क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। कार्यक्रम में आचार्य सूर्यांश, मोहित पंडित, विशाल पंडित, विनय पंडित, सिद्धराज कौशिक, तुषार शर्मा, आचार्य वासुदेव भारद्वाज, मुकुल, आकाश, कन्हैया, सावंत शर्मा, आशीष शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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