मोतिहारी में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी का अपमान: मुखिया ने पंचायत भवन से निकाला

बिहार के मोतिहारी में महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी को अपमान का सामना करना पड़ा है। यहां तुरकौलिया गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तुषार गांधी को गांव के मुखिया ने भगा दिया। मुखिया को इस बात से आपत्ति थी कि उनके गांव में नीतीश कुमार की आलोचना क्यों की जा रही है। मुखिया का कहना था कि पीएम मोदी के राज में सभी का विकास हो रहा है। सभी आगे बढ़ रहे हैं और नीतीश कुमार पीएम मोदी के साथ हैं। इस वजह से वह अपने गांव में उनकी आलोचना नहीं होने देंगे।
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी इन दिनों बिहार यात्रा पर है और वे 12 तारीख से पश्चिम चंपारण जिले पदयात्रा कर रहे है। सोमवार को उनका आगमन पूर्वी चंपारण जिले में हुआ था और वे इसी क्रम में वे जिले के तुरकौलिया के उस ऐतिहासिक नीम के पेड़ का दर्शन करने गए थे। वह यहां आयोजित एक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। उनके साथ आए एक अन्य पदयात्री ने जब बोलना शुरू किया और महागठबंधन को वोट देने या जिताने की बात करने लगे तो आयोजक सह मुखिया बिनय सिंह भड़क गए। उन्होंने तुषार गांधी को भला बुरा कहते हुए उनपर कई आरोप लगा दिया।
तुषार गांधी ने आवाज कम करने को कहा
मुखिया जी चिल्ला-चिल्लाकर तुषार गांधी का अपना कर रहे थे, लेकिन वह पहले शांत रहे। हालांकि, जब बिनय सिंह ने उन्हें गांधी जी का वंशज मानने से इनकार कर दिया तो तुषार गांधी ने उनसे आवाज कम करके बात करने के लिए कहा। हालांकि, मुखिया जी ने उन्हें सभा से ही भगा दिया। इसके बाद तुषार गांधी भी आवेश में आ गए और दोनों के बीच जमकर बहस होने लगी। मुखिया ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा। इसके बाद स्थानीय लोगों और गांधीवादियों ने मुखिया का विरोध किया और सभी लोग हाल से बाहर आ गए। तुषार गांधी ने बाहर आकर लोगों से बात की। उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई मुखिया को गोडसे का वंशज करार दिया।
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