बाघ संरक्षण में बिहार बना उदाहरण, बाघों की संख्या में आठ गुना वृद्धि, नया टाइगर रिजर्व प्रस्तावित
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर पटना जू में पर्यावरण विभाग बिहार द्वारा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बाघ संरक्षण और कैमूर में प्रस्तावित टाइगर रिजर्व की जानकारी दी। पेंटिंग व क्विज प्रतियोगिता में 900 छात्रों ने भाग लिया।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मंगलवार को संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागीय मंत्री डॉ. सुनील कुमार, अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत चिड़ियाघर स्थित बाघ एन्क्लोजर के निरीक्षण से हुई। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर आयोजित छात्र पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। पेंटिंग प्रतियोगिता में ग्रुप ए में डीपीएस स्कूल ने प्रथम, लोयोला हाई स्कूल ने द्वितीय, और संत माइकल हाई स्कूल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। ग्रुप बी में भी डीपीएस स्कूल ने प्रथम स्थान, लोयोला हाई स्कूल ने द्वितीय और रेडियंट इंटरनेशनल स्कूल ने तृतीय स्थान हासिल किया। ग्रुप सी और डी के साथ क्विज प्रतियोगिता और 'सांप दिवस' के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
प्रतियोगिता में 15 स्कूलों के लगभग 900 छात्रों ने हिस्सा लिया था, जो पिछले एक सप्ताह से चल रही थी। इस दौरान छात्रों ने पेंटिंग और क्विज के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण के प्रति अपनी जागरूकता और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि बिहार जल्द ही कैमूर में एक और टाइगर रिजर्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले 12 वर्षों में बिहार में बाघों की संख्या में आठ गुना वृद्धि हुई है, जो राज्य में बाघों के लिए अनुकूल वातावरण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि संजय गांधी जैविक उद्यान में अब तक कुल 32 बाघों का जन्म हुआ है, जो यह दर्शाता है कि यह उद्यान बाघों के प्रजनन के लिए उपयुक्त स्थल बन चुका है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने बाघ संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि जंगलों पर अतिक्रमण रोका जाना चाहिए और बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में ही रहने देना चाहिए। वहीं, निदेशक (पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण) अभय कुमार ने वन संरक्षण में जनभागीदारी को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि छोटी-छोटी पहलों से बड़ा बदलाव संभव है कार्यक्रम के अंत में पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) अरविंदर सिंह, मुख्य वन संरक्षक सुरेंद्र सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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