क्रिप्टो में बदलकर 101 करोड़ विदेश भेजने वाला पिता-पुत्र गिरफ्तार, चाइनीज लोन एप से होती थी ठगी
यूपी पुलिस ने मोतिहारी जिले के घोड़ासहन से पिता-पुत्र गोलू कुमार जायसवाल और भूषण कुमार चौधरी को साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया। आरोप है कि दोनों ने चाइनीज लोनिंग एप के जरिए ठगी कर 101 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजे। पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल, आधार कार्ड और नकदी बरामद की है।

वैशाली, यूपी पुलिस ने भारत-नेपाल सीमावर्ती मोतिहारी जिले के घोड़ासहन से साइबर ठगी में संलिप्त पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये दोनों चाइनीज लोनिंग एप के जरिए ठगी कर रुपये को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेजते थे। इस मामले में टेरर फंडिंग की आशंका भी जताई जा रही है।
पकड़े गए आरोपित घोड़ासहन वीरता चौक निवासी गोलू कुमार जायसवाल और उसके पिता भूषण कुमार चौधरी हैं। इनके पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, पांच एंड्रॉयड मोबाइल फोन, सात आधार कार्ड, 2650 भारतीय रुपये और 100 नेपाली रुपये बरामद किए हैं।
बलरामपुर (यूपी) के एसपी ने बताया कि विकास कुमार नामक युवक की शिकायत पर साइबर ठगी का मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान गिरोह का सरगना नवादा जिले के पथरा इंग्लिस गांव निवासी सस्पियर समेत पांच लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अब सस्पियर के नेटवर्क से जुड़े घोड़ासहन के पिता-पुत्र को भी दबोच लिया गया है।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन दोनों ने पांच भारतीय और एक नेपाली बाइनेंस आईडी का इस्तेमाल कर लगभग 101 करोड़ रुपये विदेश भेजे हैं। सबसे अधिक लेन-देन गोलू की आईडी से हुआ है, जबकि दूसरी बड़ी रकम उसके पिता भूषण की आईडी से ट्रांसफर हुई है। शेष तीन भारतीय आईडी और एक नेपाली आईडी की जांच जारी है। नेपाल वाले अकाउंट की जानकारी के लिए बाइनेंस से डाटा मांगा गया है।
गोलू घोड़ासहन सेंट्रल बैंक के नीचे छोटे बैंकिंग और फिनो कंपनी का संचालन करता था, जबकि उसका पिता भूषण चौधरी फल का कारोबार करता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल ही के दिनों में गोलू ने अचानक करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। पुलिस अब अन्य सहयोगियों की पहचान करने और नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुटी है।
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