Myntra पर ED का बड़ा एक्शन, 1654 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश घोटाले में दर्ज किया केस
प्रवर्तन निदेशालय ने Myntra पर 1,654 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। एजेंसी का दावा है कि मिंत्रा ने मल्टी-ब्रांड रिटेल को थोक व्यापार दिखाकर FDI नीति का उल्लंघन किया और वेक्टर ई-कॉमर्स के माध्यम से खुदरा बिक्री को छिपाया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ई-कॉमर्स कंपनी Myntra के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। आरोप है कि मिंत्रा ने भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों का उल्लंघन किया है। ईडी का कहना है कि Myntra और उसकी सहयोगी कंपनियां रिटेल बिजनेस का दावा करते हुए असल में मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार (यानी एक साथ कई ब्रांडों की खुदरा बिक्री) कर रही थीं। एजेंसी के मुताबिक, इस तरह की गतिविधियां FDI नीति के खिलाफ हैं, क्योंकि भारत में मल्टी-ब्रांड रिटेल क्षेत्र में विदेशी निवेश को लेकर सख्त नियम हैं। ED ने Myntra पर इस नियम के उल्लंघन के तहत कार्रवाई शुरू की है।
ED ने Myntra पर 1,654 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। एजेंसी के मुताबिक, मिंत्रा ने अपनी ज्यादातर बिक्री वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए की, जो उसी कारोबारी समूह की एक और कंपनी है। इसके बाद वेक्टर ने ये उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचे। ED का कहना है कि इससे खुदरा बिक्री (बी2सी) को थोक बिक्री (बी2बी) के रूप में दिखाया गया, ताकि विदेशी निवेश नियमों को नजरअंदाज किया जा सके।
Enforcement Directorate (ED) has filed a complaint under Foreign Exchange Management Act, 1999 (FEMA) against Myntra Designs Private Limited (Myntra) and its related companies and their Directors for contravention to the tune of Rs 1654,35,08,981: ED pic.twitter.com/KWPrGKAQWZ — ANI (@ANI) July 23, 2025
ED ने दी ये जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि Myntra ने जानबूझकर वेक्टर ई-कॉमर्स नाम की कंपनी बनाई ताकि FDI नियमों को दरकिनार कर उपभोक्ताओं को सामान बेचने का रास्ता बनाया जा सके।जांचकर्ताओं का आरोप है कि इस कंपनी के ज़रिए खुदरा बिक्री को थोक व्यापार की तरह दिखाया गया। ईडी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मिंत्रा ने थोक व्यापार के लिए मिली एफडीआई अनुमति का इस्तेमाल बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार (Multi-Brand Retail) चलाने के लिए किया, जो भारत की एफडीआई नीति के तहत स्पष्ट रूप से मना है।
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